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आई आई टी (IIT) कानपुर के पूर्व छात्र ने हेल्थ-टेक इनोवेशन को विस्तार देने के लिए 250000 अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया

IITK

आई आई टी (IIT) कानपुर के पूर्व छात्र ने हेल्थ-टेक इनोवेशन को विस्तार देने के लिए 250000 अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया

Kanpur

Source: Information and Media Outreach Cell, IIT Kanpur

आई आई टी (IIT) कानपुर के पूर्व छात्र श्री अजय दुबे और उनकी पत्नी श्रीमती रूमा दुबे ने स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी नवाचारों को बढ़ाने के लिए 2,50,000 अमेरिकी डॉलर (INR 2 Cr) का योगदान दिया है। आई आई टी (IIT) कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर और श्री अजय दुबे के बीच 6 दिसंबर, 2022 को आई आई टी (IIT) कानपुर में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। श्री अजय दुबे और श्रीमती रूमा दुबे ने 'रूमा एंड अजय दुबे हेल्थकेयर इनोवेशन एंड आइडियाशन प्रोग्राम' (HII प्रोग्राम) की स्थापना के लिए उदारतापूर्वक योगदान दिया, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी में नवाचारों को वित्तपोषित करना और हेल्थटेक डोमेन में छात्रों द्वारा स्थापित स्टार्टअप्स को पोषित करने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।

यह कार्यक्रम छात्रों को विभिन्न समस्याओं से रूबरू कराएगा और उन्हें प्रौद्योगिकी समाधानों के साथ आने और स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की बेहतरी के लिए तकनीकी विचारों को विकसित करने के लिए प्रेरित करेगा। स्टार्टअप इन्क्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (SIIC), आई आई टी (IIT) कानपुर की छत्रछाया में, छात्रों को अपने विकास कार्यों को तेजी से ट्रैक करने और उद्यमिता की संस्कृति का निर्माण करने के लिए धन और नेटवर्किंग के अवसर मिलेंगे।

इस अवसर पर आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने कहा, ''आईआईटी कानपुर के आरएंडडी इकोसिस्टम के तहत हेल्थ-टेक इनोवेशन पिछले कुछ वर्षों में कई गुना बढ़ गया है। हमारे पास हेल्थकेयर में काम करने वाले इनक्यूबेटेड स्टार्टअप्स की संख्या भी बढ़ रही है। संस्थान की ओर से, मैं भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वास्थ्य सेवा में अधिक मजबूत तकनीकी प्रगति का समर्थन करने के लिए श्री अजय दुबे और श्रीमती रूमा दुबे के योगदान के लिए आभार व्यक्त करता हूं। यह उदार प्रयास निश्चित रूप से अधिक युवाओं को भारत के स्वास्थ्य-प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए सस्ती और उन्नत तकनीकों को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के बाद, श्री अजय दुबे ने कहा, “एचआईआई कार्यक्रम शुरू करने का उद्देश्य उन समाधानों को खोजना है जो भारत में डिजाइन, विकसित और निर्मित किए गए हैं। सस्ती स्वास्थ्य सेवा पहले से ही एक बड़ी चुनौती है। भारत के लिए आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका यह है कि वह अपने स्वयं के समाधान तैयार करे, यहां डिजाइनिंग, विकास और नवाचार करे, उपकरण, प्रक्रियाओं को विकसित करें, जो भारत में काम आयें और उस पैमाने पर जिसकी हमें आवश्यकता है।

डीन ऑफ रिसोर्सेज एण्ड एलुमनाई , प्रो. कांतेश बलानी ने कहा, “आईआईटी कानपुर श्री अजय दुबे और श्रीमती रूमा दुबे के उदार योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त करता है। इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के माध्यम से यह एचआईआई कार्यक्रम कल के युवा छात्र नवप्रवर्तकों को हेल्थटेक के क्षेत्र में स्पष्ट प्रभाव डालने के लिए प्रोत्साहित करेगा। आई आई टी (IIT) कानपुर में केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के 1980 के स्नातक छात्र श्री अजय दुबे के पास उद्योग जगत का 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने इंफोसिस में उपाध्यक्ष और इंफोसिस पुणे विकास केंद्र के प्रमुख के रूप में कार्य किया है। उन्होंने पर्सिस्टेंट सिस्टम्स के सीओओ और यूनिकेन में एंजेल इन्वेस्टर के रूप में भी काम किया है। विगत समय में श्री दुबे ने आई आई टी (IIT) कानपुर में अंडर और पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों के लिए स्कॉलरशिप शुरू करने में भी योगदान दिया है।

आईआईटी कानपुर के बारे में:

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर की स्थापना 2 नवंबर 1959 को संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी। संस्थान का विशाल परिसर 1055 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें 19 विभागों, 22 केंद्रों, इंजीनियरिंग, विज्ञान, डिजाइन, मानविकी और प्रबंधन विषयों में 3 अंतःविषय कार्यक्रमों में फैले शैक्षणिक और अनुसंधान संसाधनों के बड़े पूल के साथ 527 पूर्णकालिक संकाय सदस्य और लगभग 9000 छात्र हैं । औपचारिक स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अलावा, संस्थान उद्योग और सरकार दोनों के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास में सक्रिय रहता है।

अधिक जानकारी के लिए https://www.iitk.ac.in पर विजिट करें