भा.प्रौ.सं. कानपुर के पूर्व छात्रों द्वारा उपलब्ध कराए गए धन, समय एवं विशेषज्ञता के फलस्वरुप संस्थान को कई नवीन पहल शुरू करने में मदद मिली है। ये योगदान विशेष स्थान इसलिए रखते हैं क्योंकि संस्थान इनका उपयोग उन महत्वपूर्ण पहलों को वित्त पोषित करने के लिए करता है जिनके पास अन्य वित्तपोषण विकल्प उपलब्ध नहीं है।
दान देने का कारण एवं दान की गई राशि में पृथकता होने के बाद भी संपूर्ण योगदान इस साझा धारणा का परिणाम है कि भा.प्रौ.सं. कानपुर को दिए गए दान का उपयोग सकारात्मक उद्देश्य के लिए किया जाता है।
इसका उद्देश्य भा.प्रौ.सं. कानपुर के आदर्श वाक्य "तमसो मा ज्योतिर्गमय" को साकार करने की क्षमता को मजबूत करता है जिसका तात्पर्य है अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होना।