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भा.प्रौ.सं.कानपुर
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भा.प्रौ.सं. कानपुर का विवरण

65 वर्षों की उत्कृष्टता, विशिष्टता और नवाचार

भारत सरकार ने 1959 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटी कानपुर) की स्थापना की, जो अब एक प्रमुख संस्थान बन चुका है। IIT कानपुर, जो पहले पीढ़ी के IITs में से एक है, आज भी शिक्षण, अनुसंधान और नवाचार में अतुलनीय योगदान देता है और मूलभूत व अनुप्रयुक्‍त अनुसंधान  के बीच तालमेल बनाए रखता है।

संस्थान का परिचय

आईआईटी कानपुर उत्‍कृष्‍टता को बढ़ावा देता है। उच्‍च गुणवत्‍ता वाले अनुसंधन, विशिष्‍ट और प्रभावी शिक्षण और विभिन्‍न क्षेत्रों में ज्ञान सृजन में महत्‍वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रेरित करता है। यह संस्‍थानों और उद्यमी संगठनों के अग्रणियों को शिक्षित व पोषित करता है और उन्‍हें उच्‍च गुणवत्‍ता वाली प्रतिभा और मूल्‍य सृजन में सहयोग देने के प्रयासों में समर्थन प्रदान करता है।

पूर्व छात्रों और प्रमुख हितधारकों, निर्णय निर्माताओं और सरकारी, व्‍यापारिक एवं गैर सरकारी संगठनों से निरंतर जुड़ाव के साथ यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी शिक्षा की दुनिया व अनुसंधान को प्रभावित कर रहा है।

संस्थान के प्रमुख बिंदु

10000+

छात्र

1500+

संकाय एवं कर्मचारी

44000+

पूर्व छात्र विश्व भर में

1055 Acres

परिसर क्षेत्र

प्रोफेसर मनिन्द्र अग्रवाल

निदेशक

प्रोफ़ेसर मनींद्र अग्रवाल, जो वर्तमान में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, एक प्रसिद्ध कंप्यूटर वैज्ञानिक हैं और जटिलता सिद्धांत व क्रिप्‍टोग्राफी  में उनके योगदान के लिए वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध हैं।

उन्होंने 1986 में आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में बीटेक और 1991 में पीएचडी प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने चेन्नई स्थित एसपीआईसी साइंस फाउंडेशन के स्कूल ऑफ मैथमैटिक्स में फेलो के रूप में कार्य किया और जर्मनी के उल्म विश्वविद्यालय में हमबोल्ट फेलो के रूप में काम किया, फिर 1996 में आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग में फैकल्टी के रूप में जुड़े।

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प्रोफेसर मणीन्द्रअग्रवाल
निदेशक - भा.प्रौ.सं. कानपुर

क्रियाशील प्रगति

जानिए कैसे हम आकांक्षाओं एवं अवधारणाओं को मूर्त कार्यों एवं ठोस परिणामों में बदलते हैं।

कर्मचारी अवलोकन

कर्मचारी अवलोकन

भा.प्रौ.सं. कानपुर के कर्मचारी संस्थान की सफलता में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता हैं एवं संस्थान की उपलब्धियों पर गौरवान्वित हैं।

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संस्कृति एवं खेल

संस्कृति एवं खेल

भा.प्रौ.सं. कानपुर की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता एवं जीवंत खेल संस्कृति छात्रों को सर्वांगीण एवं समृद्ध शैक्षिक अनुभव प्रदान करती है।

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पुरस्कार एवं सम्मान

पुरस्कार एवं सम्मान

प्राप्त पुरस्कार भा.प्रौ.सं. कानपुर संकाय के ज्ञान वृद्धि करने, नवप्रवर्तन को बढ़ावा देने एवं अपने क्षेत्र में भविष्य के नेतृत्वकर्ताओं को परामर्श देने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं।

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वरीयता तत्व

हम ऐसा वातावरण बनाने का प्रयास करते हैं जो विविधता को महत्व देता है, समावेशी संस्कृति को बढ़ावा देता है एवं हमारे समुदाय के प्रत्येक सदस्य के लिए अपनत्व की गहन भावना स्थापित करता है।

हमारा ध्येय ऐसे व्यक्तियों का पोषण करना है जो न केवल तकनीकी रूप से कुशल हैं बल्कि अपने चयनित क्षेत्रों में सामाजिक रूप से जिम्मेदार, नवोन्मेषी एवं नैतिक नेतृत्वकर्ता भी हैं, जो बड़े पैमाने पर समाज एवं वैश्विक कल्याण में योगदान देने के लिए तैयार हैं।

उत्कृष्टता
01. उत्कृष्टता

भा.प्रौ.सं. कानपुर अपने सभी प्रयासों में उत्कृष्टता के उच्चतम मानकों को प्राप्त करने के लिए समर्पित है। उत्कृष्टता के प्रति यह प्रतिबद्धता शैक्षणिक कार्यक्रमों, अनुसंधान, संकाय एवं छात्रों को प्रदान किए जाने वाले समग्र शैक्षिक अनुभव पर लागू होती है।

सत्यनिष्ठा
02. सत्यनिष्ठा

संस्थान शैक्षणिक सत्यनिष्ठा, ईमानदारी एवं नैतिक आचरण पर बल देता है। यह शैक्षणिक समुदाय के सभी सदस्यों से शैक्षणिक शुचिता एवं व्यावसायिकता के उच्च मानकों का पालन करने की अपेक्षा करता है।

नवप्रवर्तन
03. नवप्रवर्तन

भा.प्रौ.सं. कानपुर नवप्रवर्तन की संस्कृति को बढ़ावा देता है तथा अपने छात्रों एवं संकाय के बीच रचनात्मक सोच, समस्या-समाधान तथा उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करता है। इसका उद्देश्य तकनीकी प्रगति एवं अनुसंधान में सबसे अग्रणी रहना है।

विविधता एवं समावेशिता
04. विविधता एवं समावेशिता

संस्थान अपने छात्र निकाय, संकाय एवं कर्मचारियों के बीच की विविधता को महत्व देता है और यह मानता है कि विविध एवं समावेशी वातावरण सीखने एवं अनुसंधानिक परिणामों में वृद्धि करता है। भा.प्रौ.सं. कानपुर सभी के लिए समान अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

संकाय एवं कर्मचारी परिसर जीवन

भा.प्रौ.सं.कानपुर अपने संकाय एवं कर्मचारियों के समग्र विकास हेतु अनुकूल वातावरण प्रदान करता है।

भा.प्रौ.सं.कानपुर अपने संकाय एवं कर्मचारियों के समग्र विकास हेतु अनुकूल वातावरण प्रदान करता है।

संकाय एवं कर्मचारी परिसर जीवन

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भा.प्रौ.स कानपुर का कानपुर इंडो-अमेरिकन कार्यक्रम (1962-1972)

भा.प्रौ.स कानपुर में कानपुर इंडो-अमेरिकन कार्यक्रम की स्थापना वर्ष 1962 में वैश्विक समुदाय के साथ घनिष्ठ सहयोग को बढ़ावा देने तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के गतिशील क्षेत्रों से अवगत रहने के उद्देश...

भा.प्रौ.स कानपुर में कानपुर इंडो-अमेरिकन कार्यक्रम की स्थापना वर्ष 1962 में वैश्विक समुदाय के साथ घनिष्ठ सहयोग को बढ़ावा देने तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के गतिशील क्षेत्रों से अवगत रहने के उद्देश्य से की गई थी। इस कार्यक्रम के तहत, वर्ष 1962-1972 के दौरान संस्थान को संयुक्त राज्य अमेरिका के नौ अग्रणी संस्थानों के समूहों से कानपुर इंडो-अमेरिकन कार्यक्रम से तकनीकी मदद प्राप्त हुई। संस्थानों की सूची निम्नलिखित है:

  • कैलीफोर्निया प्रौद्योगिकी संस्थान
  • कार्नेगी प्रौद्योगिकी संस्थान
  • केस प्रौद्योगिकी संस्थान
  • मैसाचुसेट्स तकनीकी संस्थान
  • ओहियो राज्य विश्वविद्यालय
  • प्रिंसटन विश्वविद्यालय
  • पर्ड्यू विश्वविद्यालय
  • कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (बर्कले)
  • मिशिगन विश्वविद्यालय

भा.प्रौ.स कानपुर का कानपुर इंडो-अमेरिकन कार्यक्रम (1962-1972)

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पूर्व छात्र उत्कृष्टता का वादा

भा.प्रौ.सं. कानपुर के बढ़ते वैश्विक स्तर का श्रेय उसके प्रतिभाशाली पूर्व छात्रों को जाता है जिनकी असंख्य क्षेत्रों में शानदार उपलब्धियाँ हमें गौरवान्वित करती रहती हैं।

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श्री नारायण मूर्ति - (एमटी/ईई/1969)

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