"जब मैं भा.प्रौ.सं. कानपुर के निदेशक के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के लिए पहली बार कानपुर आया तो कानपुर में मुझसे मिलने वाले लगभग प्रत्येक व्यक्ति ने पूछा क्या मैं पेशेवर रूप से आत्महत्या करना चाहता हूं, तो मुझे इसकी बिल्कुल भी चिंता नहीं होती थी क्योंकि मैं, अब मैं नहीं था बल्कि ऐतिहासिक प्रक्रिया का एक साधन था"
(प्रोफ़ेसर पी.के. केलकर द्वारा 17 मई 1981 को दिये गये दीक्षांत भाषण का अंश)
भा. प्रौ. सं. कानपुर पहले पांच पीढि़यों के भा.प्रौ.सं. में से एक है, जिसे 2 नवंबर 1959 को 1860 के सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम XXI के तहत पंजीकृत किया गया था। प्रारंभ में, संस्थान ने 1959 में हरकोर्ट बटलर तकनीकी संस्थान के साझा परिसर में कार्य करना प्रारंभ किया, जिसमें एक साधारण संकाय एवं 100 छात्रों को शामिल किया गया था। वर्तमान में इसका अपना विशाल आवासीय परिसर है, जिसके अंतर्गत लगभग 10000 से अधिक छात्र, 555 संकाय सदस्य एवं 1500 से अधिक कार्यरत कर्मचारी शामिल हैं।