प्रोफेसर, संगणक विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग
कंप्यूटेशनल जटिलता सिद्धांत, कंप्यूटेशनल संख्या सिद्धांत और बीजगणित
कार्यालय
सीएस- 225,
संगणक विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग,
आईआईटी कानपुर
कानपुर 208016
सैद्धांतिक संगणक विज्ञान
पीएचडी (कंप्यूटर विज्ञान), आईआईटी कानपुर, 1991थीसिस शीर्षक: एनपी-पूर्ण सेटों के लक्षणों के वर्णन की ओर पर्यवेक्षक : सोमनाथ बिसवास
बीटेक (कंप्यूटर विज्ञान), आईआईटी कानपुर, 1986
एल्गोरिदम
जटिलता सिद्धांत
कंप्यूटेशनल संख्या सिद्धांत और बीजगणित
क्रिप्टोग्राफी
किसी संख्या के अभाज्य होने का परिक्षण करने के लिए पहला कुशल और नियतात्मक एल्गारिदम डिज़ाइन किया।
नितिन सक्सेना, सत्यदेव नंदकुमार
फैलो, स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स, एसपीआईसी साइंस फाउंडेशन, चेन्नई, 1993-95
हम्बोल्ट फैलो, ऊल्म विश्वविद्यालय, जर्मनी, 1995-96
प्रोफ़ेसर. मणीन्द्र अग्रवाल, जो वर्तमान में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, ये एक प्रसिद्ध कंप्यूटर वैज्ञानिक हैं और जटिलता सिद्धांत एवं क्रिप्टोग्राफी में उनके योगदान के लिए वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध हैं।
उन्होंने 1986 में आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर विज्ञान व अभियांत्रिकी में बीटेक और 1991 में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने चेन्नई स्थित एसपीआईसी (SPIC) साइंस फाउंडेशन के स्कूल ऑफ मैथमैटिक्स में फेलो के रूप में और जर्मनी के उल्म विश्वविद्यालय में हमबोल्ट फेलो के रूप में काम किया। फिर 1996 में आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर विज्ञान और अभियांत्रिकी विभाग में प्राध्यापक के रूप में जुड़े।
प्रो. अग्रवाल के पास व्यापक प्रशासनिक अनुभव है। 2024 में अल्मा मेटर, आईआईटी कानुपर में निदेशक के तौर पर कार्य करने से पहले प्रो. अग्रवाल ने कई प्रशासनिक भूमिकाओं को निभाया है। जिसमें 2006 से 2010 तक कंप्यूटर विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग के प्रमुख, 2011 से 2012 तक संसाधन नियोजन और उत्पादन के अधिष्ठाता, 2013-2015 तक संकाय मामलों के अधिष्ठाता और 2017-2019 तक उप-निदेशक के रूप में कार्य शामिल है। 2020-2024 तक, प्रो. अग्रवाल आईआईटी कानपुर में C3iHub - एक साइबर सुरक्षा प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र में परियोजना निदेशक भी थे।
प्रो. अग्रवाल के नाम कई उपलब्धियां हैं, जिनमें एकेएस (AKS) प्राइमलिटी टेस्ट का विकास भी शामिल है - यह पहला बिना शर्त नियतात्मक एल्गोरिदम है जो n-अंकीय संख्या को ऐसे समय में प्राइमलिटी के लिए परखता है जो n में बहुपद साबित होता है। उन्हें अपने योगदान के लिए कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान मिले हैं, जिनमें पद्म श्री पुरस्कार, शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार, प्रतिष्ठित गोडेल पुरस्कार, फुलकर्सन पुरस्कार और गणित के लिए पहला इन्फोसिस पुरस्कार शामिल हैं। प्रो. अग्रवाल यूएस नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज के एक विदेशी एसोसिएट, द वर्ल्ड एकेडमी ऑफ साइंसेज के फेलो और तीनों भारतीय विज्ञान अकादमियों, अर्थात् भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, भारतीय विज्ञान अकादमी और राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के फेलो हैं। साथ ही, भारतीय राष्ट्रीय इंजीनियरिंग अकादमी के फेलो भी हैं।