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आई आई टी कानपुर में मुंशी प्रेमचंद की स्मृति में कहानी वाचन प्रतियोगिता का आयोजन

IITK

आई आई टी कानपुर में मुंशी प्रेमचंद की स्मृति में कहानी वाचन प्रतियोगिता का आयोजन

कानपुर

आई आई टी कानपुर में "शिवानी- हिंदी भाषा एवं अन्य भारतीय भाषाओं का सम्पोषण एवं समन्वय केंद्र" ने सोमवार, 31 जुलाई को "मुंशी प्रेमचंद की स्मृति में कहानी वाचन प्रतियोगिता" का आयोजन किया। इस अवसर पर प्रख्यात साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद की 143वीं जयंती मनाई गई, जिन्हें आधुनिक हिंदी साहित्य के अग्रदूतों और बीसवीं सदी के अग्रणी हिंदी लेखकों में से एक माना जाता है।

प्रोफेसर कांतेश बालानी ने स्वागत भाषण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसके बाद प्रोफेसर ललित सारस्वत ने मुंशी प्रेमचंद और हिंदी साहित्य और हमारी संस्कृति को आकार देने में उनके योगदान पर कुछ टिप्पणियाँ कीं, जिसके लिए हम हमेशा आभारी रहेंगे।

साथ ही प्रोफेसर सुश्रुत रवीश ने कहा कि हम सभी को मुंशी प्रेमचंद के जीवन और कार्यों को याद करना चाहिए, उनके साहित्य को पढ़ने के लिए कुछ समय निकालना चाहिए और हिंदी साहित्य में उनके आदर्शों के प्रति खुद को समर्पित करना चाहिए।

बाद में, कहानी वाचन प्रतियोगिता सत्र का आयोजन हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने मुंशी प्रेमचंद की कुछ प्रसिद्ध कहानियाँ पढ़ीं, जिनमें ठाकुर का कुआँ, कफ़न, अंधेर, मंत्र, नमक का दरोगा, दुर्गा आदि शामिल थीं। दर्शकों ने उनके इस प्रदर्शन को खूब सराहा।

इसके अतिरिक्त, आयोजन टीम में शिवानी केंद्र से सुश्री मैत्रेयी अग्रवाल, श्री गोविंद शर्मा और श्री सुधांशु, राजभाषा प्रकोष्ठ से श्री जगदीश प्रसाद एवं हिंदी साहित्य सभा से श्री प्रदीप, श्री ईशान, श्री हर्षित और श्री प्रतीक शामिल थे, जिनकी मेहनत से यह आयोजन सफल रहा।

इस प्रकार, इस खूबसूरत शाम ने न केवल दर्शकों को मुंशी प्रेमचंद की कृतियों से भली-भाँति अवगत कराया, बल्कि हिंदी भाषा के प्रति, जो की हमारे देश और आई आई टी कैंपस के परिसर की प्रमुख भाषाओं में से एक है, लोगों में गर्व पैदा किया।

आईआईटी कानपुर के बारे में:

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर की स्थापना 2 नवंबर 1959 को संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी। संस्थान का विशाल परिसर 1055 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें 19 विभागों, 22 केंद्रों, इंजीनियरिंग, विज्ञान, डिजाइन, मानविकी और प्रबंधन विषयों में 3 अंतःविषय कार्यक्रमों में फैले शैक्षणिक और अनुसंधान संसाधनों के बड़े पूल के साथ 540 पूर्णकालिक संकाय सदस्य और लगभग 9000 छात्र हैं । औपचारिक स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अलावा, संस्थान उद्योग और सरकार दोनों के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास में सक्रिय रहता है।

अधिक जानकारी के लिए www.iitk.ac.in पर विजिट करें