कानपुर कैसे पहुंचे?
भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित कानपुर तक पहुंचने हेतु आप निम्नलिखित परिवहन विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं: हवाई मार्ग द्वारा: कानपुर का निकट...
भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित कानपुर तक पहुंचने हेतु आप निम्नलिखित परिवहन विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं:
- हवाई मार्ग द्वारा: कानपुर का निकटतम हवाई अड्डा लखनऊ में चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो कानपुर शहर से लगभग 77 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे से कानपुर पहुंचने के लिए टैक्सी या प्रीपेड कैब की सुविधा उपलब्ध है। आमतौर पर सामान्य यातायात की स्थिति में सड़क मार्ग से यात्रा में लगभग 1.5-2 घंटे का समय लगता है।
- रेल मार्ग द्वारा: कानपुर व्यापक रेल नेटवर्क के माध्यम से भारत के प्रमुख शहरों से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन एक प्रमुख जंक्शन है एवं यहां से कई ट्रेनें संचालित होती हैं। आप भारतीय रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट या अन्य लोकप्रिय टिकटिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से ट्रेन तालिका की जांच करके ऑनलाइन टिकट बुक कर सकते हैं। यात्रा की अवधि आपके उद्गम स्थल पर निर्भर करेगी।
- सड़क मार्ग द्वारा: कानपुर राष्ट्रीय राजमार्गो एवं राज्य राजमार्गो के नेटवर्क से घिरा होने के कारण विभिन्न शहरों से जुड़ा हुआ है। आप निजी वाहन, बस एवं टैक्सी का उपयोग करके सड़क मार्ग से कानपुर पहुंच सकते हैं। कानपुर को जोड़ने वाले कुछ प्रमुख राजमार्ग हैं:
- राष्ट्रीय राजमार्ग 19 (एनएच 19): कानपुर से गुजरते हुए दिल्ली एवं कोलकाता को जोड़ता है।
- यमुना एक्सप्रेस वे ग्रेटर नोएडा को आगरा से जोड़ता है। आगरा से राष्ट्रीय राजमार्ग 19 फिरोजाबाद, शिकोहाबाद एंव इटावा जैसे शहरों से गुजरते हुए कानपुर पहुंचता है।
- राष्ट्रीय राजमार्ग 27 (एनएच 27): कानपुर से गुजरते हुए झांसी एवं गोरखपुर को जोड़ता है।
- उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग 25 (यूपी एसएच 25): कानपुर को उन्नाव, फतेहपुर एवं रायबरेली जैसे नजदीकी शहरों से जोड़ता है।
कानपुर कैसे पहुंचे?
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कानपुर प्राणी उद्यान: यह चिड़ियाघर एशिया के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक है तथा इसमें शेर, बाघ, हाथी एवं अन्य विभिन्न प्रकार के जानवर रहते हैं। इसम...
- कानपुर प्राणी उद्यान: यह चिड़ियाघर एशिया के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक है तथा इसमें शेर, बाघ, हाथी एवं अन्य विभिन्न प्रकार के जानवर रहते हैं। इसमें एक प्राकृतिक झील एवं आगंतुकों के लिए एक टॉय ट्रेन भी है।
- कानपुर संग्रहालय: यह संग्रहालय क्षेत्रीय इतिहास, संस्कृति एवं कला को प्रदर्शित करता है। इसमें कलाकृतियों, मूर्तियों, चित्रों एवं पुरातात्विक वस्तुओं का एक व्यापक संग्रह है।
- जे.के. मंदिर: भगवान राधा कृष्ण को समर्पित यह मंदिर शहर के सबसे प्रमुख स्थलों में से एक हैं और अपनी सुंदर वास्तुकला, जटिल नक्काशी एवं शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। संपूर्ण वर्ष के दौरान यहां बड़ी संख्या में भक्त एवं पर्यटक आते हैं। मंदिर के मुख्य देवता भगवान राधा कृष्ण हैं और मंदिर परिसर के भीतर भगवान हनुमान, भगवान शिव एवं कई अन्य हिंदू देवताओं को समर्पित मंदिर भी हैं।
- बिठूर: गंगा नदी के तट पर स्थित बिठूर, कानपुर के पास एक ऐतिहासिक शहर है जो अपने धार्मिक महत्व, ब्रह्मावर्त घाट, ध्रुव टीला एवं वाल्मीकि आश्रम जैसी जगहों के लिए प्रसिद्ध है।
- फूल बाग: कानपुर का फूलबाग एक सुंदर उद्यान एवं लोकप्रिय मनोरंजन स्थल है। इसमें हरे-भरे बगीचे, फव्वारे, टॉय ट्रेन एवं सांयकालीन संगीतमय फव्वारा शो शामिल है।
- मोती झील: यह कानपुर के मध्य में स्थित एक बड़ी कृत्रिम झील है। मोतीझील नौकायन की सुविधा देने के साथ साथ स्थानीय लोगों एवं पर्यटकों के लिए आराम करने एवं प्राकृतिक परिवेश का आनंद लेने के लिए एक पसंदीदा स्थान है।
- जाजमऊ: कानपुर का यह ऐतिहासिक क्षेत्र अपने प्राचीन खंडहरों एवं पुरातात्विक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यह कई पुराने मंदिरों, मस्जिदों एवं जाजमऊ पहाड़ी का केंद्र है, जो शहर की भव्यता में वृद्धि करता है।
- कानपुर मेमोरियल चर्च: ऑल सोल्स कैथेड्रल के रूप में प्रसिद्ध यह खूबसूरत ऐतिहासिक एंग्लिकन चर्च वास्तुकार का अद्भुत चमत्कार है।
कानपुर में देखने योग्य स्थान
अधिक जानेंकानपुर का मौसम
कानपुर का मौसम आर्द्र उपोष्णकटिबंधीय जलवायु का एक विशिष्ट संस्करण है जो कुछ हद्द तक दिल्ली की जलवायु से मिलता जुलता है। कानपुर भारत के उत्तरी मैदानी क...
कानपुर का मौसम आर्द्र उपोष्णकटिबंधीय जलवायु का एक विशिष्ट संस्करण है जो कुछ हद्द तक दिल्ली की जलवायु से मिलता जुलता है। कानपुर भारत के उत्तरी मैदानी क्षेत्र में स्थित है, जहां अत्यधिक तापमान होता है। सर्दियों में यह न्यूनतम 0.0 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है जबकि गर्मियों में यह 48 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है। दिसंबर एवं जनवरी में कानपुर में घना कोहरा पड़ता है जबकि गर्मियों में अत्यधिक शुष्क वातावरण के साथ धूल भरी आंधी आती हैं। नियमित मानसून सीजन के अंत में जुलाई एवं सितंबर के बीच बारिश होती है। मार्च-अप्रैल के फसलीय (हार्वेस्ट) मौसम के दौरान सीमित मात्रा में बारिश दर्ज की जाती है। हालांकि, ये कृषि क्षेत्र की बहुमुखी उत्पादों की फसलों के लिए हितकारी होती है। कानपुर जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर-नवंबर या फरवरी-मार्च है।
कानपुर का मौसम
अधिक जानेंकानपुर में क्या खाएं?
कानपुर उत्तर भारत में स्थित होने के कारण स्थानीय व्यंजनों के स्वाद से काफी प्रभावित है। नजदीकी जिले लखनऊ में मिलने वाले अवधी व्यंजनों से कानपुर का गहर...
कानपुर उत्तर भारत में स्थित होने के कारण स्थानीय व्यंजनों के स्वाद से काफी प्रभावित है। नजदीकी जिले लखनऊ में मिलने वाले अवधी व्यंजनों से कानपुर का गहरा संबंध है जो अपनी समृद्धि, सुगंधित स्वाद, केसर, इलायची एवं गुलाब जल जैसी सामग्रियों के उपयोग के लिए विख्यात है। कानपुर में मुगलई व्यंजनों को भी लोगो द्वारा बड़ी संख्या में पसंद किया जाता है।
कानपुर में क्या खाएं?
अधिक जानेंकानपुर का इतिहास
कानपुर को उत्तरी भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित 'कावनपोर' शहर के नाम से भी जाना जाता है। इसका एक समृद्ध एवं महत्वपूर्ण इतिहास है जो कई शताब्दियो...
कानपुर को उत्तरी भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित 'कावनपोर' शहर के नाम से भी जाना जाता है। इसका एक समृद्ध एवं महत्वपूर्ण इतिहास है जो कई शताब्दियों तक फैला हुआ है।
कानपुर का इतिहास
अधिक जानेंप्राचीन एवं मध्यकालीन युग
कानपुर के आसपास का क्षेत्र प्राचीन काल से ही उन्नत रहा है। 11वीं एवं 12वीं शताब्दी में यह चंदेल राजवंश के साम्राज्य का हिस्सा था जबकि 13वीं शताब्दी मे...
कानपुर के आसपास का क्षेत्र प्राचीन काल से ही उन्नत रहा है। 11वीं एवं 12वीं शताब्दी में यह चंदेल राजवंश के साम्राज्य का हिस्सा था जबकि 13वीं शताब्दी में दिल्ली सल्तनत एवं 16वीं शताब्दी में मुगल साम्राज्य के नियंत्रण में आ गया था। इस अवधि के दौरान, यह एक छोटा सा गांव हुआ करता था जिसे "कान्हपुर" के नाम से जाना जाता था।
प्राचीन एवं मध्यकालीन युग
अधिक जानेंऔपनिवेशिक युग
ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान ईस्ट इंडिया कंपनी ने सन् 1801 में कानपुर में एक व्यापारिक केंद्र स्थापित किया जिसके कारण यह शहर प्रमुख औद्योगिक एवं वाण...
ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान ईस्ट इंडिया कंपनी ने सन् 1801 में कानपुर में एक व्यापारिक केंद्र स्थापित किया जिसके कारण यह शहर प्रमुख औद्योगिक एवं वाणिज्यिक केंद्र बन गया। 19वीं शताब्दी के मध्य में गंगा नहर के निर्माण ने शहर के विकास को और अधिक गति दे दी। कानपुर ने सन् 1857 के विद्रोह में ब्रिटिश शासन के खिलाफ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जिसके दौरान 'कावनपोर' (अब कानपुर) की घेराबंदी की दुखद घटना में बड़ी संख्या में ब्रिटिश नागरिकों की मृत्यु हुई थी।
औपनिवेशिक युग
अधिक जानेंऔद्योगिक विकास
19वीं शताब्दी के अंत एवं 20वीं शताब्दी की शुरुआत में कानपुर एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में उभरा। यह अपनी कपड़ा मिल, चमड़ा उद्योग एवं विभिन्न वस्...
19वीं शताब्दी के अंत एवं 20वीं शताब्दी की शुरुआत में कानपुर एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में उभरा। यह अपनी कपड़ा मिल, चमड़ा उद्योग एवं विभिन्न वस्तुओं के निर्माण के लिए विख्यात हो गया। शहर में तेजी से बढ़ते औद्योगिकीकरण के कारण इसने कई उद्यमियों एवं श्रमिकों को अपनी ओर आकर्षित किया। सन् 1959 में स्थापित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर ने शैक्षिक एवं तकनीकी केंद्र के रूप में शहर की बढ़ती हुई प्रतिष्ठा में अपना योगदान दिया।