संस्थागत प्रौद्योगिकी हस्तांतरण कार्यालय के रूप में कार्य करते हुए, एसआईआईसी समर्पित एवं साधन संपन्न भा.प्रौ.स. संकाय तथा इच्छुक छात्रों के साथ परिश्रमपूर्वक सहयोग करता है, और उन्हें पेटेंट एवं कॉपीराइट दर्ज करने की जटिल प्रक्रिया में पेशेवर सहायता प्रदान करता है। यह केंद्र इन नवीन विचारों एवं अवधारणाओं के संरक्षण में उत्प्रेरक रहा है। अब तक 242 पेटेंट दाखिल किए जा चुके हैं।
इसके अतिरिक्त, एसआईआईसी संकाय/छात्रों द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर/उत्पादों के विकास एवं संवर्द्धन में सक्रिय रूप से संलग्न होकर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का विस्तार करता है। यह इन कृतियों को उद्योग की निरंतर विकसित हो रही आवश्यकताओं के साथ जोड़कर रणनीतिक रूप से हासिल किया गया है, जो वाणिज्यिक संस्थाओं के साथ सहयोगात्मक साझेदारी के माध्यम से संभव हुआ है। इस सहयोगात्मक प्रयास में, शामिल संकाय सदस्य बाजार की मांगों के साथ शैक्षिक नवाचार के सफल एकीकरण को सुनिश्चित करने के लिए मार्गदर्शन एवं विशेषज्ञता प्रदान करते हुए मार्गदर्शक के रूप में कार्य करते हैं।
इस भागीदारी में एक प्रमुख तत्व के रूप में वाणिज्यिक भागीदार, उत्पाद विपणन एवं ग्राहक सहायता कार्यों को मान्यता देता है, जो अवधारणा से लेकर अनुप्रयोग तक एक सुचारु परिवर्तन सुनिश्चित करता है तथा अनेकों दर्शकों को प्रभावित करता है।
संक्षेप में, भा.प्रौ.सं. कानपुर का शैक्षणिक बल, एसआईआईसी के माध्यम से बौद्धिक पूंजी संरक्षण एवं वाणिज्यिक भागीदारों के साथ रणनीतिक संरेखण का संयोजन एक सामंजस्यपूर्ण तालमेल का प्रतीक है, जो शैक्षणिक परिदृश्य को समृद्ध करता है तथा तकनीकी नवप्रवर्तनों को व्यावहारिकता के दायरे में आगे बढ़ाता है, जिससे बड़े पैमाने पर समाज लाभान्वित होता है।